बिक गया भगवान्
अभी अभी थोडी देर पहले टीवी पे समाचार में देखा की शिरडी ट्रस्ट वाले शिरडी बाबा का पेटेंट करवाने वाले है और बाबा का नाम के लिए पैसे देने होंगे। अब भाई बोर्ड को भी टू हक़ है पैसे कमाने का। क्यों सिर्फ़ क्रिकेटर और बॉलीवुड वाले ही पैसे कम सकते हैं क्या? भक्तों को पैसे तो देने ही होंगे आखिर बाबा तो बोर्ड के हैं। भले ही अपने सांसारिक जीवन में बाबा ने जनसाधारण का बहुत भला किया बहुत सारे गरीबों की मदद की हो लेकिन बोर्ड को भला उन गरीबों से क्या उसे तो बाबा का ब्रांड बनाना है।
ऐ दुनिया के गरीबों
मन लो थोड़ा और मातम।
बिक गया आज तेरा भगवान्
अब है तू पूरा कंगाल।
ऐ दुनिया के गरीबों
मन लो थोड़ा और मातम।
बिक गया आज तेरा भगवान्
अब है तू पूरा कंगाल।
Labels: Hindi, Literature, Poem, Rambling
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